NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 5 – धीरंजन मालवे

Here we provide NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 5 – धीरंजन मालवे , Which will very helpful for every student in their exams. Students can download the latest NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 5 pdf. Now you will get step by step solution to each question.

Question 1:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा और क्या थे?

Answer:

रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा एक सुयोग्य वैज्ञानिक एवं अनुसंधानकर्ता थे।

Question 2:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

समुद्र को देखकर रामन् के मन में कौन-सी दो जिज्ञासाएँ उठीं?

Answer:

समुद्र को देखकर रामन् के मन में दो जिज्ञासाएँ उठीं –

1. समुद्र के पानी का रंग नीला ही क्यों होता है?

2. वह रंग कोई और क्यों नहीं होता है?

Question 3:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

रामन् के पिता ने उनमें किन विषयों की सशक्त नींव डाली?

Answer:

रामन् के पिता ने उनमें गणित और भौतिकी की सशक्त नींव डाली।

Page No 50:

Question 4:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के अध्ययन के द्वारा रामन् क्या करना चाहते थे?

Answer:

रामन् वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के द्वारा उनके कंपन के पीछे छिपे रहस्य की परतें खोलना चाहते थे।

Question 5:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की क्या भावना थी?

Answer:

सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की भावना थी कि वह पढ़ाई करके विश्वविद्यालय के शिक्षक बनकर, अध्ययन अध्यापन और शोध कार्यों में अपना पूरा समय लगाना चाहते थे।

Question 6:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

‘रामन् प्रभाव’ की खोज के पीछे कौन-सा सवाल हिलोरें ले रहा था?

Answer:

रामन् का सवाल थी कि आखिर समुद्र के पानी का रंग नीला ही क्यों है? इसके लिए उन्होंने तरल पदार्थ पर प्रकाश की किरणों का अध्ययन किया।

Question 7:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने क्या बताया?

Answer:

प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने बताया था कि प्रकाश अति सूक्ष्म कणों की तीव्र धारा के समान है। उन्होंने इन कणों की तुलना बुलेट से की और इन्हें फोटॉन नाम दिया।

Question 8:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

रामन् की खोज ने किन अध्ययनों को सहज बनाया?

Answer:

रामन् की खोज ने पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं के बारे में खोज के अध्ययन को सहज बनाया।

Question 1:

उपयुक्त शब्द का चयन करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए 

इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी, इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ़ साइंस, फिलॉसॉफिकल मैगज़ीन, भौतिकी, रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट

1. रामन् का पहला शोध पत्र ………… में प्रकाशित हुआ था।

2. रामन् की खोज …………… के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी।

3. कलकत्ता की मामूली-सी प्रयोगशाला का नाम …………….. था।

4. रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान ……… नाम से जानी जाती है।

5. पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए ………. का सहारा लिया जाता था।

Answer:

1. रामन् का पहला शोध पत्र फिलॉसॉफिकल मैगज़ीन में प्रकाशित हुआ था।

2. रामन् की खोज भौतिकी के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी।

3. कलकत्ता की मामूली-सी प्रयोगशाला का नाम इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ़ साइंस था।

4. रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट नाम से जानी जाती है।

5. पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाता था।

Question 1:

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए 

उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख-सुविधाओं से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण थी।

Answer:

डॉ. रामन् सरकारी सुख-सुविधाओं का त्याग करके भी सरस्वती अर्थात शिक्षा पाने और देने के काम को अधिक महत्त्वपूर्ण मानते थे और उन्होंने यही किया भी।

Question 1:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों मेंलिखिए 

रामन् के प्रारंभिक शोधकार्य को आधुनिक हठयोग क्यों कहा गया है?

Answer:

रामन् के समय में शोधकार्य करने के लिए परिस्थितियाँ बिल्कुल विपरीत थीं। वे सरकारी नौकरी करते थेसमय का अभाव रहता था। परन्तु फिर भी रामन् फुर्सत पाते ही बहू बाज़ार‘ चले जाते। वहाँ इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस‘ की प्रयोगशाला में काम करते। इस प्रयोगशाला में साधनों का अभाव था लेकिन रामन् इन काम चलाऊ उपकरणों से भी शोध कार्य करते रहें। ऐसे में अपनी इच्छाशक्ति के बलबूते पर अपना शोधकार्य करना आधुनिक हठयोग ही कहा जा सकता है।

Question 1:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों मेंलिखिए 

कॉलेज के दिनों में रामन् की दिली इच्छा क्या थी?

Answer:

कॉलेज के दिनों में रामन् की दिली इच्छा थी कि वे नए-नए वैज्ञानिक प्रयोग करें, पूरा जीवन शोधकार्यों में लगा दें। उनका मन और दिमाग विज्ञान के रहस्यों को सुलझाने के लिए बैचेन रहता था। उनका पहला शोधपत्र फिलॉसॉफिकल मैग़जीन में प्रकाशित हुआ।

Question 2:

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए 

हमारे पास ऐसी न जाने कितनी ही चीज़ें बिखरी पड़ी हैं, जो अपने पात्र की तलाश में हैं।

Answer:

हमारे आस-पास के वातावरण में अनेक प्रकार की चीज़ें बिखरी होती हैं। उन्हें सही ढंग से सँवारने वाले व्यक्ति की आवश्यकता होती है। वही उनको नया रुप देता है।

Question 2:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों मेंलिखिए 

वाद्ययंत्रों पर की गई खोजों से रामन् ने कौन-सी भ्रांति तोड़ने की कोशिश की?

Answer:

रामन् ने देशी और विदेशी दोनों प्रकार के वाद्ययंत्रों का अध्ययन किया। इस अध्ययन के द्वारा वे पश्चिमी देशों की भ्रांति को तोड़ना चाहते थे कि भारतीय वाद्ययंत्र विदेशी वाद्ययंत्रों की तुलना में घटिया है।

Question 2:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों मेंलिखिए 

रामन् की खोज ‘रामन् प्रभाव’ क्या है? स्पष्ट कीजिए।

Answer:

रामन् के मस्तिष्क में समुद्र के नीले रंग को लेकर जो सवाल 1921 की समुद्र यात्रा के समय आया, वह ही ‘रामन् प्रभाव’ खोज बन गया। अर्थात रामन् द्वारा खोजा गया सिद्धांत, इसमें जब एक वर्णीय प्रकाश की किरण किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ से गुजरती है तो उसके वर्ण में परिवर्तन आ जाता है। एक वर्णीय प्रकाश की किरण के फोटॉन जब तरल ठोस रवे से टकराते हैं तो उर्जा का कुछ अंश खो देते हैं या पा लेते हैं दोनों स्थितियों में रंग में बदलाव आता है।

Question 3:

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए 

यह अपने आपमें एक आधुनिक हठयोग का उदाहरण था।

Answer:

डॉ. रामन् किसी न किसी प्रकार अपना कार्य सिद्ध कर लेते थे। वे हठ की स्थिति तक चले जाते थे। योग साधना हठ का अंश रहता है। रामन् मामूली उपकरणों से भी अपनी प्रयोगशाला का काम चला लेते थे। यह एक प्रकार का हठयोग ही था।

Question 3:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों मेंलिखिए 

रामन् के लिए नौकरी संबंधी कौन-सा निर्णय कठिन था?

Answer:

रामन् भारत सरकार के वित्त विभाग में अफसर थे। परन्तु एक दिन प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री सर आशुतोष मुखर्जी ने रामन् से नौकरी छोड़कर कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर का पद लेने के लिए आग्रह किया। इस बारे में निर्णय लेना उनके लिए अत्यंत कठिन हो गया क्योंकि सरकारी नौकरी की बहुत अच्छी तनख्वाह अनेकों सुविधाएँ छोड़कर कम वेतन, कम सुविधाओं वाली नौकरी का फैसला मुश्किल था। परन्तु रामन् ने सरकारी नौकरी छोड़कर विश्वविद्यालय की नौकरी कर ली क्योंकि सरस्वती की साधना उनके लिए महत्वपूर्ण थी।

Question 3:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों मेंलिखिए 

‘रामन् प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य संभव हो सके?

Answer:

‘रामन् प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य संभव हो सके −

1. विभिन्न पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन सहज हो गया।

2. रामन् की खोज के बाद पदार्थों की आणविक और परमाणविक संरचना के अध्ययन के लिए रामन् स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाने लगा।

3. रामन् की तकनीक एकवर्णीय प्रकाश के वर्ण में परिवर्तन के आधार पर पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की संरचना की सटीक जानकारी देने लगी।

4. अब पदार्थों का संश्लेषण प्रयोगशाला में करना तथा अनेक उपयोगी पदार्थों का कृत्रिम रुप में निर्माण संभव हो गया।

Question 4:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों मेंलिखिए 

सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर किन-किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया?

Answer:

सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर निम्नलिखित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया −

1. 1924 में ‘रॉयल सोसायटी’ की सदस्यता प्रदान की गई।

2. 1929 में उन्हें ‘सर’ की उपाधि दी गई।

3. 1930 में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार ‘नोबल पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

4. रॉयल सोसायटी का ह्यूज पदक प्रदान किया गया।

5. फ़िलोडेल्फ़िया इंस्टीट्यूट का ‘फ्रेंकलिन पदक’ मिला।

6. सोवियत संघ का अंतर्राष्ट्रीय ‘लेनिऩ पुरस्कार मिला।

7. 1954 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

Question 4:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों मेंलिखिए 

देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालिए।

Answer:

सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् ने देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर वैज्ञानिक कार्यों के लिए जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने रामन् प्रभाव की खोज कर नोबल पुरस्कार प्राप्त किया। बंगलोर में शोध संस्थान की स्थापना की, इसे रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से जाना जाता है। भौतिक शास्त्र में अनुसंधान के लिए इंडियन जनरल ऑफ फिजिक्स नामक शोद पत्रिका आरंभ की, करेंट साइंस नामक पत्रिका भी शुरु की, प्रकृति में छिपे रहस्यों का पता लगाया।

Question 5:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों मेंलिखिए 

सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से प्राप्त होने वाले संदेश को अपने शब्दों में लिखिए।

Answer:

सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से हमें सदैव आगे बढ़ते रहने का संदेश मिलाता है। व्यक्ति को अपनी प्रतिभा का सदुपयोग करना चाहिए। भले ही इसके लिए रामन् की तरह सुख-सुविधाओं को छोड़ना पड़े। इच्छा शक्ति हो तो राह निकल आती है। रामन् ने संदेश दिया है कि हमें अपने आसपास घट रही विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की छानबीन वैज्ञानिक दृष्टि से करनी चाहिए।

Question 5:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों मेंलिखिए 

रामन् को मिलनेवाले पुरस्कारों ने भारतीय-चेतना को जाग्रत किया। ऐसा क्यों कहा गया है?

Answer:

रामन् को समय पर मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीय-चेतना को जाग्रत किया। इनमें से अधिकाँश पुरस्कार विदेशी थे और प्रतिष्ठित भी। अंग्रेज़ों की गुलामी के दौर में एक भारतीय वैज्ञानिक को इतना सम्मानित दिए जाने से भारत को आत्मविश्वास और आत्मसम्मान मिला। इसके लिए भारतवासी स्वयं को गौरवशाली अनुभव करने लगे।

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Question 1:

नीचे कुछ समानदर्शी शब्द दिए जा रहे हैं जिनका अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनके अर्थ का अंतर स्पष्ट हो सके।

()प्रमाण……………………..
()प्रणाम…………………….
()धारणा……………………..
()धारण…………………….
()पूर्ववर्ती…………………….
()परवर्ती……………………..
()परिवर्तन…………………….
()प्रवर्तन…………………….

Answer:

()प्रमाणमैं यह बात प्रमाण सहित कह सकता हूँ।
()प्रणामअपने से बड़ों को प्रणाम करना चाहिए।
()धारणाधर्म के प्रति हमारी धारणा बदलनी चाहिए।
()धारणसदा स्वच्छ वस्त्र धारण करो।
()पूर्ववर्तीकई किले पूर्ववर्ती राजाओं ने बनाए।
()परवर्तीअब परवर्ती पीढ़ी ही देश की रक्षा करेगी।
()परिवर्तनअब सृष्टि में भी अनेकों परिवर्तन हो रहे हैं।
()प्रवर्तनप्रवर्तन कार्यालय में जाना है।

Question 2:

रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए 

(मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से ………….. हैं।

(अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को ………….. रुप से नौकरी दे दी गई है।

(रामन् ने अनेक ठोस रवों और …………… पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।

(आज बाज़ार में देशी और ………………. दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।

(सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद ………..में परिवर्तित हो जाता है।

Answer:

(मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से अशक्त हैं।

(अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी रुप से नौकरी दे दी गई है।

(रामन् ने अनेक ठोस रवों और तरल पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।

(आज बाज़ार में देशी और विदेशी दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।

(सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद विकर्षण में परिवर्तित हो जाता है।

Question 3:

नीचे दिए उदाहरण में रेखांकित अंश में शब्दयुग्म का प्रयोग हुआ है −

उदाहरण चाऊतान को गानेबजानेमें आनंद आता है।

उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्दयुग्मों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए −

सुखसुविधा ………………………..

अच्छाखासा ………………………..

प्रचारप्रसार ……………………….

आसपास ……………………….

Answer:

सुखसुविधा– रोहन को सुख-सविधा में रहने की आदत है।

अच्छाखासा- माँ ने अच्छा-खासा खाना बनाया था।

प्रचारप्रसार- नेताजी प्रचार-प्रसार में लगे हैं।

आसपास- हमारे आस-पास हरियाली है।

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Question 4:

प्रस्तुत पाठ में आए अनुस्वार और अनुनासिक शब्दों को निम्न तालिका में लिखिए −

 अनुस्वार अनुनासिक
()अंदर()ढूँढ़ते
()………………….()………………….
()………………….()………………….
()………………….()………………….
()………………….()………………….

Answer:

 अनुस्वार अनुनासिक
()अंदर()ढूँढ़ते
()सदियों()पहुँचता
()असंख्य()सुविधाएँ
()रंग()स्थितियाँ
()नींव()वहाँ

Question 5:

पाठ में निम्नलिखित विशिष्ट भाषा प्रयोग आए हैं। सामान्य शब्दों में इनका आशय स्पष्ट कीजिए 

घंटों खोए रहतेस्वाभाविक रुझान बनाए रखनाअच्छाखासा काम कियाहिम्मत का काम थासटीक जानकारीकाफ़ी ऊँचे अंक हासिल किएकड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया थामोटी तनख्वाह

Answer:

1. घंटो खोए रहना − वैज्ञानिक अपने प्रयोगों में घंटो खोए रहते हैं।

2. स्वाभाविक रुझान बनाए रखना − लोग अपनी रुचि के अनुसार कार्यों में स्वाभाविक रूझान बनाए रखते हैं।

3. अच्छा खासा काम किया − इस भवन पर अच्छा खासा काम किया गया है।

4. हिम्मत का काम था − उसने बच्चे को बाढ़ में से बचा कर हिम्मत का काम किया।

5. सटीक जानकारी − हमारी अध्यापिका को अपने विषय में सटीक जानकारी है।

6. काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए − आजकल बच्चे बहुत ऊँचे अंक हासिल करते हैं।

7. कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया − आज वह यह मुकाम कड़ी मेहनत के बाद खड़ा कर पाया है।

8. मोटी तनख्वाह − यह अफसर मोटी तनख्वाह पाता है।

Question 6:

पाठ के आधार पर मिलान कीजिए 

नीलाकामचलाऊ
पितारव
तैनातीभारतीय वाद्ययंत्र
उपकरणवैज्ञानिक रहस्य
घटियासमुद्र
फोटॉननींव
भेदनकलकत्ता

Answer:

नीलासमुद्र
पितानींव
तैनातीकलकत्ता
उपकरणकामचलाऊ
घटियाभारतीय वाद्ययंत्र
फोटॉनरव
भेदनवैज्ञानिक

Question 7:

पाठ में आए रंगों की सूची बनाइए। इनके अतिरिक्त दस रंगों के नाम और लिखिए।

Answer:

रंगों की सूची − बैंगनी, नीले, आसमानी, हरे, पीले, नारंगी, लाल

Question 8:

नीचे दिए गए उदाहरण ही‘ का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।

उदाहरण उनके ज्ञान की सशक्त नींव उनके पिता ने ही तैयार की थी।

Answer:

1. यह काम तुमने ही किया है।

2. तुम ही जाकर ले आओ।

3. उसने ही काम पूरा किया है।

4. गीता ही अकेली जा रही है।

5. केवल वह ही जाएगा।

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Question 1:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा और क्या थे?

Answer:

रामन् भावुक प्रकृति प्रेमी के अलावा एक सुयोग्य वैज्ञानिक एवं अनुसंधानकर्ता थे।

Question 2:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

समुद्र को देखकर रामन् के मन में कौन-सी दो जिज्ञासाएँ उठीं?

Answer:

समुद्र को देखकर रामन् के मन में दो जिज्ञासाएँ उठीं –

1. समुद्र के पानी का रंग नीला ही क्यों होता है?

2. वह रंग कोई और क्यों नहीं होता है?

Question 3:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

रामन् के पिता ने उनमें किन विषयों की सशक्त नींव डाली?

Answer:

रामन् के पिता ने उनमें गणित और भौतिकी की सशक्त नींव डाली।

Page No 50:

Question 4:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के अध्ययन के द्वारा रामन् क्या करना चाहते थे?

Answer:

रामन् वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के द्वारा उनके कंपन के पीछे छिपे रहस्य की परतें खोलना चाहते थे।

Question 5:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की क्या भावना थी?

Answer:

सरकारी नौकरी छोड़ने के पीछे रामन् की भावना थी कि वह पढ़ाई करके विश्वविद्यालय के शिक्षक बनकर, अध्ययन अध्यापन और शोध कार्यों में अपना पूरा समय लगाना चाहते थे।

Question 6:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

‘रामन् प्रभाव’ की खोज के पीछे कौन-सा सवाल हिलोरें ले रहा था?

Answer:

रामन् का सवाल थी कि आखिर समुद्र के पानी का रंग नीला ही क्यों है? इसके लिए उन्होंने तरल पदार्थ पर प्रकाश की किरणों का अध्ययन किया।

Question 7:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने क्या बताया?

Answer:

प्रकाश तरंगों के बारे में आइंस्टाइन ने बताया था कि प्रकाश अति सूक्ष्म कणों की तीव्र धारा के समान है। उन्होंने इन कणों की तुलना बुलेट से की और इन्हें फोटॉन नाम दिया।

Question 8:

निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर एकदो पंक्तियों में दीजिए 

रामन् की खोज ने किन अध्ययनों को सहज बनाया?

Answer:

रामन् की खोज ने पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं के बारे में खोज के अध्ययन को सहज बनाया।

Question 1:

उपयुक्त शब्द का चयन करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए 

इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी, इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ़ साइंस, फिलॉसॉफिकल मैगज़ीन, भौतिकी, रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट

1. रामन् का पहला शोध पत्र ………… में प्रकाशित हुआ था।

2. रामन् की खोज …………… के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी।

3. कलकत्ता की मामूली-सी प्रयोगशाला का नाम …………….. था।

4. रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान ……… नाम से जानी जाती है।

5. पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए ………. का सहारा लिया जाता था।

Answer:

1. रामन् का पहला शोध पत्र फिलॉसॉफिकल मैगज़ीन में प्रकाशित हुआ था।

2. रामन् की खोज भौतिकी के क्षेत्र में एक क्रांति के समान थी।

3. कलकत्ता की मामूली-सी प्रयोगशाला का नाम इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ़ साइंस था।

4. रामन् द्वारा स्थापित शोध संस्थान रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट नाम से जानी जाती है।

5. पहले पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिए इंफ्रा रेड स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाता था।

Question 1:

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए 

उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख-सुविधाओं से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण थी।

Answer:

डॉ. रामन् सरकारी सुख-सुविधाओं का त्याग करके भी सरस्वती अर्थात शिक्षा पाने और देने के काम को अधिक महत्त्वपूर्ण मानते थे और उन्होंने यही किया भी।

Question 1:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों मेंलिखिए 

रामन् के प्रारंभिक शोधकार्य को आधुनिक हठयोग क्यों कहा गया है?

Answer:

रामन् के समय में शोधकार्य करने के लिए परिस्थितियाँ बिल्कुल विपरीत थीं। वे सरकारी नौकरी करते थेसमय का अभाव रहता था। परन्तु फिर भी रामन् फुर्सत पाते ही बहू बाज़ार‘ चले जाते। वहाँ इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस‘ की प्रयोगशाला में काम करते। इस प्रयोगशाला में साधनों का अभाव था लेकिन रामन् इन काम चलाऊ उपकरणों से भी शोध कार्य करते रहें। ऐसे में अपनी इच्छाशक्ति के बलबूते पर अपना शोधकार्य करना आधुनिक हठयोग ही कहा जा सकता है।

Question 1:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों मेंलिखिए 

कॉलेज के दिनों में रामन् की दिली इच्छा क्या थी?

Answer:

कॉलेज के दिनों में रामन् की दिली इच्छा थी कि वे नए-नए वैज्ञानिक प्रयोग करें, पूरा जीवन शोधकार्यों में लगा दें। उनका मन और दिमाग विज्ञान के रहस्यों को सुलझाने के लिए बैचेन रहता था। उनका पहला शोधपत्र फिलॉसॉफिकल मैग़जीन में प्रकाशित हुआ।

Question 2:

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए 

हमारे पास ऐसी न जाने कितनी ही चीज़ें बिखरी पड़ी हैं, जो अपने पात्र की तलाश में हैं।

Answer:

हमारे आस-पास के वातावरण में अनेक प्रकार की चीज़ें बिखरी होती हैं। उन्हें सही ढंग से सँवारने वाले व्यक्ति की आवश्यकता होती है। वही उनको नया रुप देता है।

Question 2:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों मेंलिखिए 

वाद्ययंत्रों पर की गई खोजों से रामन् ने कौन-सी भ्रांति तोड़ने की कोशिश की?

Answer:

रामन् ने देशी और विदेशी दोनों प्रकार के वाद्ययंत्रों का अध्ययन किया। इस अध्ययन के द्वारा वे पश्चिमी देशों की भ्रांति को तोड़ना चाहते थे कि भारतीय वाद्ययंत्र विदेशी वाद्ययंत्रों की तुलना में घटिया है।

Question 2:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों मेंलिखिए 

रामन् की खोज ‘रामन् प्रभाव’ क्या है? स्पष्ट कीजिए।

Answer:

रामन् के मस्तिष्क में समुद्र के नीले रंग को लेकर जो सवाल 1921 की समुद्र यात्रा के समय आया, वह ही ‘रामन् प्रभाव’ खोज बन गया। अर्थात रामन् द्वारा खोजा गया सिद्धांत, इसमें जब एक वर्णीय प्रकाश की किरण किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ से गुजरती है तो उसके वर्ण में परिवर्तन आ जाता है। एक वर्णीय प्रकाश की किरण के फोटॉन जब तरल ठोस रवे से टकराते हैं तो उर्जा का कुछ अंश खो देते हैं या पा लेते हैं दोनों स्थितियों में रंग में बदलाव आता है।

Question 3:

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए 

यह अपने आपमें एक आधुनिक हठयोग का उदाहरण था।

Answer:

डॉ. रामन् किसी न किसी प्रकार अपना कार्य सिद्ध कर लेते थे। वे हठ की स्थिति तक चले जाते थे। योग साधना हठ का अंश रहता है। रामन् मामूली उपकरणों से भी अपनी प्रयोगशाला का काम चला लेते थे। यह एक प्रकार का हठयोग ही था।

Question 3:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों मेंलिखिए 

रामन् के लिए नौकरी संबंधी कौन-सा निर्णय कठिन था?

Answer:

रामन् भारत सरकार के वित्त विभाग में अफसर थे। परन्तु एक दिन प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री सर आशुतोष मुखर्जी ने रामन् से नौकरी छोड़कर कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर का पद लेने के लिए आग्रह किया। इस बारे में निर्णय लेना उनके लिए अत्यंत कठिन हो गया क्योंकि सरकारी नौकरी की बहुत अच्छी तनख्वाह अनेकों सुविधाएँ छोड़कर कम वेतन, कम सुविधाओं वाली नौकरी का फैसला मुश्किल था। परन्तु रामन् ने सरकारी नौकरी छोड़कर विश्वविद्यालय की नौकरी कर ली क्योंकि सरस्वती की साधना उनके लिए महत्वपूर्ण थी।

Question 3:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों मेंलिखिए 

‘रामन् प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य संभव हो सके?

Answer:

‘रामन् प्रभाव’ की खोज से विज्ञान के क्षेत्र में निम्नलिखित कार्य संभव हो सके −

1. विभिन्न पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की आंतरिक संरचना का अध्ययन सहज हो गया।

2. रामन् की खोज के बाद पदार्थों की आणविक और परमाणविक संरचना के अध्ययन के लिए रामन् स्पेक्ट्रोस्कोपी का सहारा लिया जाने लगा।

3. रामन् की तकनीक एकवर्णीय प्रकाश के वर्ण में परिवर्तन के आधार पर पदार्थों के अणुओं और परमाणुओं की संरचना की सटीक जानकारी देने लगी।

4. अब पदार्थों का संश्लेषण प्रयोगशाला में करना तथा अनेक उपयोगी पदार्थों का कृत्रिम रुप में निर्माण संभव हो गया।

Question 4:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों मेंलिखिए 

सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर किन-किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया?

Answer:

सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् को समय-समय पर निम्नलिखित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया −

1. 1924 में ‘रॉयल सोसायटी’ की सदस्यता प्रदान की गई।

2. 1929 में उन्हें ‘सर’ की उपाधि दी गई।

3. 1930 में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार ‘नोबल पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

4. रॉयल सोसायटी का ह्यूज पदक प्रदान किया गया।

5. फ़िलोडेल्फ़िया इंस्टीट्यूट का ‘फ्रेंकलिन पदक’ मिला।

6. सोवियत संघ का अंतर्राष्ट्रीय ‘लेनिऩ पुरस्कार मिला।

7. 1954 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।

Question 4:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों मेंलिखिए 

देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालिए।

Answer:

सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् ने देश को वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन प्रदान करने में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर वैज्ञानिक कार्यों के लिए जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने रामन् प्रभाव की खोज कर नोबल पुरस्कार प्राप्त किया। बंगलोर में शोध संस्थान की स्थापना की, इसे रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से जाना जाता है। भौतिक शास्त्र में अनुसंधान के लिए इंडियन जनरल ऑफ फिजिक्स नामक शोद पत्रिका आरंभ की, करेंट साइंस नामक पत्रिका भी शुरु की, प्रकृति में छिपे रहस्यों का पता लगाया।

Question 5:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों मेंलिखिए 

सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से प्राप्त होने वाले संदेश को अपने शब्दों में लिखिए।

Answer:

सर चंद्रशेखर वेंकट रामन् के जीवन से हमें सदैव आगे बढ़ते रहने का संदेश मिलाता है। व्यक्ति को अपनी प्रतिभा का सदुपयोग करना चाहिए। भले ही इसके लिए रामन् की तरह सुख-सुविधाओं को छोड़ना पड़े। इच्छा शक्ति हो तो राह निकल आती है। रामन् ने संदेश दिया है कि हमें अपने आसपास घट रही विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं की छानबीन वैज्ञानिक दृष्टि से करनी चाहिए।

Question 5:

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30 शब्दों मेंलिखिए 

रामन् को मिलनेवाले पुरस्कारों ने भारतीय-चेतना को जाग्रत किया। ऐसा क्यों कहा गया है?

Answer:

रामन् को समय पर मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीय-चेतना को जाग्रत किया। इनमें से अधिकाँश पुरस्कार विदेशी थे और प्रतिष्ठित भी। अंग्रेज़ों की गुलामी के दौर में एक भारतीय वैज्ञानिक को इतना सम्मानित दिए जाने से भारत को आत्मविश्वास और आत्मसम्मान मिला। इसके लिए भारतवासी स्वयं को गौरवशाली अनुभव करने लगे।

Page No 51:

Question 1:

नीचे कुछ समानदर्शी शब्द दिए जा रहे हैं जिनका अपने वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि उनके अर्थ का अंतर स्पष्ट हो सके।

()प्रमाण……………………..
()प्रणाम…………………….
()धारणा……………………..
()धारण…………………….
()पूर्ववर्ती…………………….
()परवर्ती……………………..
()परिवर्तन…………………….
()प्रवर्तन…………………….

Answer:

()प्रमाणमैं यह बात प्रमाण सहित कह सकता हूँ।
()प्रणामअपने से बड़ों को प्रणाम करना चाहिए।
()धारणाधर्म के प्रति हमारी धारणा बदलनी चाहिए।
()धारणसदा स्वच्छ वस्त्र धारण करो।
()पूर्ववर्तीकई किले पूर्ववर्ती राजाओं ने बनाए।
()परवर्तीअब परवर्ती पीढ़ी ही देश की रक्षा करेगी।
()परिवर्तनअब सृष्टि में भी अनेकों परिवर्तन हो रहे हैं।
()प्रवर्तनप्रवर्तन कार्यालय में जाना है।

Question 2:

रेखांकित शब्द के विलोम शब्द का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए 

(मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से ………….. हैं।

(अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को ………….. रुप से नौकरी दे दी गई है।

(रामन् ने अनेक ठोस रवों और …………… पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।

(आज बाज़ार में देशी और ………………. दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।

(सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद ………..में परिवर्तित हो जाता है।

Answer:

(मोहन के पिता मन से सशक्त होते हुए भी तन से अशक्त हैं।

(अस्पताल के अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी रुप से नौकरी दे दी गई है।

(रामन् ने अनेक ठोस रवों और तरल पदार्थों पर प्रकाश की किरण के प्रभाव का अध्ययन किया।

(आज बाज़ार में देशी और विदेशी दोनों प्रकार के खिलौने उपलब्ध हैं।

(सागर की लहरों का आकर्षण उसके विनाशकारी रुप को देखने के बाद विकर्षण में परिवर्तित हो जाता है।

Question 3:

नीचे दिए उदाहरण में रेखांकित अंश में शब्दयुग्म का प्रयोग हुआ है −

उदाहरण चाऊतान को गानेबजानेमें आनंद आता है।

उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्दयुग्मों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए −

सुखसुविधा ………………………..

अच्छाखासा ………………………..

प्रचारप्रसार ……………………….

आसपास ……………………….

Answer:

सुखसुविधा– रोहन को सुख-सविधा में रहने की आदत है।

अच्छाखासा- माँ ने अच्छा-खासा खाना बनाया था।

प्रचारप्रसार- नेताजी प्रचार-प्रसार में लगे हैं।

आसपास- हमारे आस-पास हरियाली है।

Page No 52:

Question 4:

प्रस्तुत पाठ में आए अनुस्वार और अनुनासिक शब्दों को निम्न तालिका में लिखिए −

 अनुस्वार अनुनासिक
()अंदर()ढूँढ़ते
()………………….()………………….
()………………….()………………….
()………………….()………………….
()………………….()………………….

Answer:

 अनुस्वार अनुनासिक
()अंदर()ढूँढ़ते
()सदियों()पहुँचता
()असंख्य()सुविधाएँ
()रंग()स्थितियाँ
()नींव()वहाँ

Question 5:

पाठ में निम्नलिखित विशिष्ट भाषा प्रयोग आए हैं। सामान्य शब्दों में इनका आशय स्पष्ट कीजिए 

घंटों खोए रहतेस्वाभाविक रुझान बनाए रखनाअच्छाखासा काम कियाहिम्मत का काम थासटीक जानकारीकाफ़ी ऊँचे अंक हासिल किएकड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया थामोटी तनख्वाह

Answer:

1. घंटो खोए रहना − वैज्ञानिक अपने प्रयोगों में घंटो खोए रहते हैं।

2. स्वाभाविक रुझान बनाए रखना − लोग अपनी रुचि के अनुसार कार्यों में स्वाभाविक रूझान बनाए रखते हैं।

3. अच्छा खासा काम किया − इस भवन पर अच्छा खासा काम किया गया है।

4. हिम्मत का काम था − उसने बच्चे को बाढ़ में से बचा कर हिम्मत का काम किया।

5. सटीक जानकारी − हमारी अध्यापिका को अपने विषय में सटीक जानकारी है।

6. काफ़ी ऊँचे अंक हासिल किए − आजकल बच्चे बहुत ऊँचे अंक हासिल करते हैं।

7. कड़ी मेहनत के बाद खड़ा किया − आज वह यह मुकाम कड़ी मेहनत के बाद खड़ा कर पाया है।

8. मोटी तनख्वाह − यह अफसर मोटी तनख्वाह पाता है।

Question 6:

पाठ के आधार पर मिलान कीजिए 

नीलाकामचलाऊ
पितारव
तैनातीभारतीय वाद्ययंत्र
उपकरणवैज्ञानिक रहस्य
घटियासमुद्र
फोटॉननींव
भेदनकलकत्ता

Answer:

नीलासमुद्र
पितानींव
तैनातीकलकत्ता
उपकरणकामचलाऊ
घटियाभारतीय वाद्ययंत्र
फोटॉनरव
भेदनवैज्ञानिक

Question 7:

पाठ में आए रंगों की सूची बनाइए। इनके अतिरिक्त दस रंगों के नाम और लिखिए।

Answer:

रंगों की सूची − बैंगनी, नीले, आसमानी, हरे, पीले, नारंगी, लाल

Question 8:

नीचे दिए गए उदाहरण ही‘ का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।

उदाहरण उनके ज्ञान की सशक्त नींव उनके पिता ने ही तैयार की थी।

Answer:

1. यह काम तुमने ही किया है।

2. तुम ही जाकर ले आओ।

3. उसने ही काम पूरा किया है।

4. गीता ही अकेली जा रही है।

5. केवल वह ही जाएगा।

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